संदेश

कई मसीह लोग झूठ बोलने के लिए बहाने का उपयोग करते हैं, खास तौर पर जब उनका सामना मुश्किल परिस्थिति से होता है, ऐसे समय में वे परमेश्वर के दास के पास सलाह के लिए जाते हैं लेकिन सच बोलने के बजाय वे तथ्यों को छिपाते हैं। यदपि बाइबल हमें सिखाती है की हमें परमेश्वर के प्रतिनिधि से कुछ भी छिपाना नहीं चाहिये। हमारा विश्वास सदैव स्थिर होना चाहिये और हमें सच के सिवा कुछ भी नहीं बोलना चाहिये, क्योंकि परमेश्वर के जन और हमें एकमत होना चाहिये। लेकिन वह जो धोखे में है वह परमेश्वर की आत्मा के द्वारा उपयोग नहीं किया जा सकता है। दुःख की बात यह है की सुसमाचार के कुछ प्रचारक, प्रभु के दास लोगों को सिखाते हैं कि उन्हें शैतान की धमकियों का ध्यान नहीं देना चाहिये। सो जब लोग दुःख उठाते हैं और कोई उनसे पूछता है की वे कैसे हैं, तो उनमें से कुछ यह कहते हैं की वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सीखा है की यदि वे दुखों और संघर्षों के बारे में बातें करते हैं तो वे शैतान को दृढ़ कर रहे हैं, यह गलत है। शैतान को हमारे द्वारा किये जानेवाले पाप दृढ़ता प्रदान करते हैंजब एक मसीही परमेश्वर के दास से कहता है की उसके साथ सब कुछ ठीक है जबकि उसके जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं तो यह कोई समझदारी की बात नहीं है क्योंकि ऐसा करने से प्रभु का दास गुमराह हो सकता है। यदि कोई मेरे पास आता है और कुछ छिपाता है, मुझे लगेगा की कुछ तो गलत है लेकिन यदि मैं उससे कुछ पूछूँ की क्या बात है और वह मुझसे कहे की सब कुछ ठीक है और बस वह चाहता है की मैं उसके लिए प्रार्थना करूँ, ऐसा करने से वह भाई या बहन मुझे उसके छुटकारे के लिए अधिकार के साथ प्रार्थना करने से रोक देगा। हमें किसी से भी झूठ नहीं बोलना चाहिये खास तौर पर इन तीन लोगों से: परमेश्वर, डॉक्टर और पासवान। यदि आप किसी चीज के लिए प्रार्थना कर रहे हैं लेकिन आप प्रभु से बाते छिपा रहे हों तो प्रभु के साथ आपकी संगति का अंत हो जायेगा, क्योंकि  परमेश्वर जो सर्वज्ञानी हैं वे जानते हैं की आप सच्चे नहीं हैं। वे कहते हैं की दो लोग एक साथ नहीं चल सकते यदि वे एकमत न हों। {आमोस ३:३} यदि आप डॉक्टर से झूठ बोलेंगे तो आप ऐसा करने के द्वारा आप डॉक्टर को रोग की पहचान करने से रोक देंगे और वह आपको गलत दवाई दे देगा। एक पासवान ऐसे लोगों के लिए जो धोखा दे रहे हैं ठीक रीती से प्रार्थना नहीं कर पायेगा। इसलिए हर समय ईमानदार बनिए। क्योंकि सच बोलने से प्रार्थना की सामर्थ्य कम नहीं हो जायेगी, बल्कि धर्मी की प्रार्थना को और अधिक बल मिलेगा {याकूब ५:१६} एक कार्य को सफल होने के लिए उसमें सम्मिलित होने वाले लोगों के बीच में सहमति होनी चाहिये। लेकिन ध्यान दीजिए: जब धोखा होता है तो वहाँ कोई आपसी  सहमति नहीं होती है। इसका अर्थ यह है की झूठ बोलने के द्वारा मनुष्य को परमेश्वर से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। दूसरी और यदि वह सच बोलेगा तो न्याय अपने आपको प्रकट करेगा। ठीक यही हिजकिय्याह राजा ने किया: उसने यशायाह नबी की ओर एक छोटी सी साधारण प्रार्थना करने के लिए दृष्टि नहीं की थी, बल्कि उसने एक मंत्री मंडल भेजा था – एल्याकीम सेवक, शेब्ना मंत्री और याजकों के पुरनियों को और ये तीन लोग परमेश्वर की प्रतिज्ञा को लेकर लौटे की परमेश्वर अपनी संतानों को विजय देंगे। यदि आप भी ऐसा ही करें, खास तौर पर यदि आप प्रत्येक परिस्थिति में सच बोलें, तो आप विजयी होंगे, प्रभु पर विश्वास कीजिये क्योंकि वे अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार छुटकारा देते हैं।

मसीह में प्रेम के साथ,

आर. आर. सोआरेस 

प्रार्थना

प्रभु आज के वचन के लिए धन्यवाद !! प्रभु मैं आप के ऊपर पूरा भरोसा करता हूँ, और मैं जानता हूँ, की आप आपकी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे जरूर छुटकारा देंगे !! प्रभु मुझे साहस दीजिए की मैं कभी भी कोई परिस्थिति मैं हमेशा सच ही बोलूँ, यीशु मसीह के नाम से अमीन !!   

कविता

“उन्होंने उस से कहा, हिजकिय्याह यों कहता है कि आज का दिन संकट और उलहने और निन्दा का दिन है, बच्चे जन्मने पर हुए पर जच्चा को जनने का बल न रहा। \”

संदर्भ


{यशायाह ७:५}