संदेश
यदि प्रभु यीशु अभी आपके पास आए, तो वे आप में क्या पाएंगे? शायद इस समय आप प्रार्थना करने और उनको निहारने की और उन्हे खोज करने की तैयारी कर रहे हैं और इसलिए, आपने अपने पापों को स्वीकार कर लिया है, त्रुटियों से पश्चाताप किया है और स्वर्ग के साथ एकता में हैं। परन्तु यदि भेंट ऐसे समय में हुई जब आप उसकी अपेक्षा नहीं कर रहे थे, तो मसीह आपके हृदय में क्या पाएंगे ? ध्यान रहें! आपका समय अप्रत्याशित रूप से आ सकता है (मत्ती २४ :४२ -४४)। आपने परमेश्वर के घर में क्या किया है? इसे प्रार्थना का घर कहा जाना चाहिए, हालांकि इसे ऐसा नाम तभी प्राप्त हो सकता है जब इसमें शामिल होने वाले लोग प्रार्थना करने और दिव्य उपस्थिति की खोज करने के लिए वहां जाएं। हमें उन्हें आमंत्रित करना चाहिए और उन्हें चर्च में लाना चाहिए जो त्रुटि में हैं ताकि वे सुसमाचार का संदेश सुन सकें प्रभु के साथ अपने सम्बन्ध को ठीक कर सकें। मंदिर में हमे सिर्फ ऐसे लोग मिलने चाहिये जो पिता को खोजते हैं, लेकिन प्रभु यीशु मसीह ने उन चीजों को नहीं देखा। बहुत सारे लोगों ने परमेश्वर के भवन को चोर और डाकुओं की खोह में बदल डाला है। बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने अपने ह्रदय को जो परमेश्वर का मंदिर है घृणा, व्यभिचार और दूसरी पापमय चीजों से भर दिया है,ऐसा नहीं हो सकता, आपके हृदय में क्या है? क्या यह पवित्र आत्मा का निवासस्थान है या दुष्ट लालसाओं का निवास स्थान है? विश्वासवियों को यह समझने की जरूरत है कि प्रभु ने उन्हें अपनी सेवा करने ले लिए बचाया हैं न की वह प्रभु से सेवा ले। एक और महत्वपूर्ण पहलू जो परमेश्वर को प्रिय है वह है खोए हुए लोगों का उद्धार। जो लोग वास्तव में परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें अपना जीवन उन लोगों के लिए ईश्वरीय प्रेम की बात करने के लिए समर्पित करना चाहिए जो पाप में फंसे हुए हैं। परमेश्वर ने हमारे स्थान पर क्रूस पर मरने के लिए अपने इकलौते पुत्र को भेजकर हमें बचाने के लिए एक उच्च कीमत चुकाई “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना इकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अन्नत जीवन पाए” {युहन्न ३:१६}। सर्वशक्तिमान ने हर उस मूल्य को चुकाया जो हमारे लिए पापों से बचने के लिए आवश्यक था ताकि हम उनके साथ फिर से संगति कर सकें। एक बात जो हम बहुत स्थानों में देखते हैं, की बहुत सारे लोग ऐसी बातें बोलते हैं जिनकी प्रेरणा हमें बाइबल में नहीं मिलती है। कई लोग हैं जो इस बात की घोषणा करते हैं की वे प्रभु के प्रेम की घोषणा कर रहे हैं लेकिन वास्तव में उनके हृदय में बहुत सारे दूसरे उद्देश्य छिपे हुए हैं। हमें वह करना चाहिये जो यीशु मसीह ने किया: उन्होंने अपनी महिमा को त्याग दिया और इस संसार में आये ताकि खोये हुए लोगों को बचा सकें। प्रभु यीशु मसीह की एक आज्ञा है की हम एक दूसरे से प्रेम करें {यूहन्ना १५:१२} इसीलिए हमें अपना समय, धन, योग्यता विश्वास खोये हुए लोगों को सच्चे ज्ञान की पहचान करने में लगा देना चाहिये। किसी और उद्देश्य से परमेश्वर के भवन में न जाए। परमेश्वर व्यवसाय करने वाले लोगों के विरुद्ध नहीं हैं लेकिन बस वे इस बात का ध्यान रखे की वे इस काम को प्रार्थना के भवन में न करें।
मसीह में प्रेम के साथ,
आर. आर. सोआरेस
प्रार्थना
प्रभु आज के वचन के लिए धन्यवाद !! परमेश्वर मेरा उद्देश्य केवल आपकी सेवकाई करना हैं, और आपके नाम को ऊंचा उठान हैं, प्रभु अगर किसी भी रीति से मैंने आपके भवन मैं या आपकी सेवा मैं कोई व्यापार या गलत उद्देश्य रखा हो तो मैं क्षमा माँगता हूँ , यीशु मसीह के नाम से मुझे क्षमा करे और मेरे जीवन में कही भी सुधार करना हो तो मुझसे वचन द्वारा बात करे यीशु मसीह के नाम से आमीन !!
कविता
“और उस ने मन्दिर में बैल और भेड़ और कबूतर के बेचने वालों ओर सर्राफों को बैठे हुए पाया।”
संदर्भ
{यूहन्ना २:१४}